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कब है Ganesh Chaturthi 2025? जानें गणपति स्थापना से विसर्जन तक की पूरी जानकारी

Ganesh Chaturthi

Ganesh Chaturthi 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

 

हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार Ganesh Chaturthi, भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में इस पर्व की भव्यता देखते ही बनती है। यह 10 दिवसीय उत्सव भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है और अनंत चतुर्दशी पर Ganesh विसर्जन के साथ समाप्त होता है। इस साल 2025 में गणेश चतुर्थी कब है, शुभ मुहूर्त क्या है और पूजा विधि क्या है, इसकी पूरी जानकारी यहाँ दी गई है।

 

 

  • गणेश चतुर्थी 2025 कब है?

    हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2025 में गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त 2025, बुधवार को मनाया जाएगा। यह उत्सव 27 अगस्त से शुरू होकर 6 सितंबर 2025 को अनंत चतुर्दशी के दिन Ganesh विसर्जन के साथ समाप्त होगा, जिसका अर्थ है कि यह 10 दिनों तक चलेगा।

 

  • शुभ मुहूर्त और तिथि

    • वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 26 अगस्त 2025 को दोपहर 1 बजकर 55 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 27 अगस्त को शाम 4 बजकर 32 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर, गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त 2025 को मनाना शुभ रहेगा।

 

  • गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त 2025:

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भगवान गणेश की पूजा के लिए मध्याह्न काल सबसे उत्तम माना जाता है, क्योंकि माना जाता है कि भगवान श्री Ganesh का जन्म इसी समय हुआ था।

मध्याह्न Ganesh पूजा का शुभ मुहूर्त: 27 अगस्त 2025 को सुबह 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 1 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।

मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त: इसी मध्याह्न मुहूर्त में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करना सबसे शुभ फलदायी होगा।

 

  • गणेश विसर्जन 2025:

    Ganesh विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है। इस साल गणेश विसर्जन 6 सितंबर 2025, शनिवार को किया जाएगा।

 

 

  • गणेश स्थापना और पूजा विधि:

    Ganesh Chaturthi पर भगवान गणेश की स्थापना और पूजा इस विधि से करें:

  1. चौकी तैयार करें: सबसे पहले एक स्वच्छ चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाएं।

  2. सामग्री अर्पित करें: चौकी पर अक्षत (चावल), हल्दी, कुमकुम और सुपारी अर्पित करें।

  3. कलश स्थापना: गणपति जी के दाहिनी ओर एक तांबे या पीतल के कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।

  4. मूर्ति स्थापित करें: भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें। गणेश जी के साथ ऋद्धि-सिद्धि स्वरूप दो सुपारियां भी रखें।

  5. प्राण प्रतिष्ठा मंत्र: मूर्ति स्थापना के समय ‘अस्य प्राण प्रतिष्ठां तु, अस्य प्राणा: क्षरंतु च। श्री गणपते त्वं सुप्रतिष्ठ वरदे भवेताम्॥’ मंत्र का जाप करें।

  6. स्नान और भोग: भगवान गणेश को गंगाजल से स्नान कराएं। उन्हें फूल, दूर्वा, माला, मोदक और लड्डू का भोग अर्पित करें। दूर्वा अर्पित करते समय “ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ॥” या “ॐ गं गणपतये नमो नमः” मंत्र का जाप करें।

  7. आरती और कथा: विधि-विधान से पूजा करने के बाद गणेश जी की आरती करें और कथा पढ़ें।

  8. प्रसाद वितरण: पूजा पूरी होने के बाद प्रसाद सभी लोगों में बांटें।

 

 

  • Ganesh Chaturthi पर चंद्र दर्शन से क्यों बचें?

    • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, Ganesh Chaturthi पर चंद्रमा देखने से झूठे आरोप या अपकीर्ति का खतरा होता है। इसलिए इन समयों में चंद्र दर्शन करने से बचना चाहिए:

    • 26 अगस्त 2025: दोपहर 1:54 बजे से रात 8:29 बजे तक।

    • 27 अगस्त 2025: सुबह 9:28 बजे से रात 8:57 बजे तक।

 

यह त्योहार भक्तों के लिए सिर्फ पूजा-पाठ ही नहीं, बल्कि घर में सुख-समृद्धि और शुभ ऊर्जा का प्रतीक भी होता है।

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