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“राष्ट्रीय महत्वपूर्ण Minerals मिशन: भारत बना रहा है स्वदेशी खनिजों पर मजबूत पकड़”

Rare Minerals

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में भारत में रेयर अर्थ मिनरल्स (Rare Earth Minerals) की खोज और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मिशन की घोषणा की है, जिसका नाम है राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन (National Critical Mineral Mission)। इस मिशन के तहत भारत के लगभग 1200 स्थानों पर रेयर अर्थ मैग्नेट की तलाश के लिए खोजी अभियान चलाए जाएंगे।

इस मिशन का उद्देश्य देश की Foreign Minerals पर निर्भरता को कम करना और उच्च तकनीक उद्योगों, साफ ऊर्जा, और राष्ट्रीय सुरक्षा में आत्मनिर्भरता बढ़ाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि भारत तेजी से सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन के क्षेत्र में भी बढ़ रहा है, और साथ ही उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत देश के उत्पादन को ग्लोबल स्तर पर मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने स्वदेशी को बढ़ावा देते हुए कहा कि निवेश कहीं से भी हो सकता है, लेकिन काम भारतवासियों द्वारा होना चाहिए।

इस मिशन से भारत इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के उत्पादन में भी अग्रणी बनेगा, जिसमें देश में बनी बैटरी इलेक्ट्रोड्स का निर्यात 100 से अधिक देशों में होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लोकतांत्रिक ढांचे, जनसांख्यिकी और कुशल मानव संसाधन के कारण विदेशी निवेशकों के लिए यह एक जीत-जीत स्थिति है।

राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन के तहत, उच्च तकनीक उद्योगों के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण Minerals की खोज, खनन, और रिसाइक्लिंग को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे भारत की आर्थिक और तकनीकी ताकत में वृद्धि होगी और देश आत्मनिर्भर बनेगा।

इस संपूर्ण पहल से भारत की टेक्नोलॉजी, रक्षा, और पर्यावरण मित्र उद्योगों को बड़ी मजबूती मिलेगी, और यह मिशन देश की वैश्विक आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभाएगा।

 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन की शुरुआत की है, जिसका मकसद भारत को महत्वपूर्ण Minerals जैसे रेयर अर्थ एलिमेंट्स, लिथियम, कोबाल्ट, निकल आदि की खोज और उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है। इस मिशन के तहत 1200 से अधिक स्थानों पर खोज अभियान चलाए जाएंगे, जिसमें Minerals की खोज, खनन, प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण के सभी चरण शामिल होंगे। मिशन एक समग्र सरकारी दृष्टिकोण के तहत विभिन्न मंत्रालयों, सार्वजनिक उपक्रमों, निजी कंपनियों और अनुसंधान संस्थानों के सहयोग से कार्य करेगा।

फास्ट-ट्रैक अनुमोदन प्रक्रिया से खनन परियोजनाओं में गति आएगी और Minerals प्रसंस्करण पार्कों की स्थापना से भारत में इन खनिजों के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा,Minerals का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित कर भविष्य की तकनीकी और औद्योगिक आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा। देश को वैश्विक खनिज आपूर्ति श्रृंखला में एक मजबूत जगह दिलाने के लिए भारत विदेशों में भी खनिज संपत्तियां हासिल करेगा।

यह मिशन न केवल ग्रीन एनर्जी और इलेक्ट्रिक व्हीकल जैसे उद्योगों को तकनीकी तौर पर सशक्त बनाएगा, बल्कि देश की आर्थिक मजबूती और रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन भविष्य में भारत को तकनीकी महाशक्ति बनाने का एक अहम कदम साबित होगा।

 

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