भारतीय वायुसेना के लिए 62,000 करोड़ के सौदे में 97 Tejas Mark 1A लड़ाकू जेट का मेक इन इंडिया से मजबूत कदम

Tejas Mark 1A
  • भारतीय वायुसेना के लिए 62,000 करोड़ की लागत से 97 Tejas Mark 1A लड़ाकू जेट की खरीद

भारतीय सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत मिशन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक बड़ा रक्षा सौदा मंजूर किया है। इसमें भारतीय वायुसेना के लिए 97 Tejas Mark 1A लड़ाकू विमानों को खरीदने की मंजूरी दी गई है, जिसके लिए लगभग 62,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। यह डील हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को दी गई है, जो इन विमानों का निर्माण करेगी।

  • सौदे का महत्व और विवरण

यह जागरूक कदम भारतीय वायुसेना के पुराने मिग-21 विमानों की जगह लेने के लिए उठाया गया है, जो अब आउटडेटेड हो चुके हैं और जिन्हें आगामी समय में पूरी तरह से सेवामुक्त किया जाना है।

Tejas Mark 1A चौथी पीढ़ी का बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान है, जो आधुनिक एवियोनिक्स, रडार तकनीक और उन्नत हथियार प्रणालियों से लैस है।

इस विमान में लगभग 65% से अधिक हिस्से स्वदेशी हैं, जो भारत की रक्षा तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है।

इससे HAL को न केवल उत्पादन में रोजगार और अवसर मिलेंगे, बल्कि देश के छोटे और मध्यम उद्यमों को भी रक्षा क्षेत्र में व्यापार का बड़ा मौका मिलेगा।

 

 

  • तेजस मार्क 1A की तकनीकी विशेषताएं

Tejas Mark 1A आधुनिक रडार और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम से लैस है, जो इसे हवाई लड़ाई में श्रेष्ठ बनाते हैं।

यह विमान बेहतर एवियोनिक्स के कारण अधिक क्षमतावान है और दुश्मन की मिसाइल हमलों का पता लगाने के लिए उपकरणों से लैस है (हालांकि मिसाइल एप्रोच वार्निंग सिस्टम (MAWS) पर अभी काम चल रहा है)।

विमान की गति, चालन क्षमता और लड़ाकू मिसाइलों की संख्या इसे आयुध समृद्ध बनाती है जो किसी भी युद्ध क्षेत्र में भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाएगी।

 

 

  • मेक इन इंडिया एवं आत्मनिर्भर भारत में योगदान

यह डील भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप है, जिसमें रक्षा उत्पादनों का स्थानीयकरण और स्वदेशी उत्पादन को प्राथमिकता दी जा रही है।

65% से अधिक स्वदेशी सामग्री के उपयोग से भारत की एयरोस्पेस इंडस्ट्री की तकनीकी और उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी।

HAL के उत्पादन विस्तार से देश में नौकरियां बढ़ेंगी और रक्षा उद्योग का विकास होगा।

 

 

  • योजना और भविष्य की उम्मीदें

इस सौदे के साथ, भारतीय वायुसेना के Tejas Mark 1A लड़ाकू विमानों की कुल संख्या लगभग 180 हो जाएगी।

भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए HAL को आने वाले वर्षों में 200 से अधिक तेजस मार्क 2 एयरक्राफ्ट के साथ-साथ पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के ऑर्डर भी मिलने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं तेजस के ट्रेनर संस्करण में उड़ान भरकर इस विमान की क्षमता और मेक इन इंडिया की सफलता को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित किया है।

 

 

  • सार में

यह ₹62,000 करोड़ का सौदा भारतीय वायुसेना को अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों से लैस करेगा और भारत को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में विश्व स्तरीय आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करेगा। यह कदम भारत की सुरक्षा, आर्थिक विकास और तकनीकी प्रगति का मजबूत उदाहरण है।

यह सौदा केवल रक्षा क्षेत्र के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक गर्व का क्षण है, जो मेक इन इंडिया के सपने को साकार करने की ओर एक महत्वपूर्ण छलांग साबित होगा।