70,000 करोड़ रुपये की मास्टर्स्ट्रोक निवेश योजना: Maruti Suzuki ने भारत को बनाया वैश्विक EV हब

Maruti Suzuki Deal
  • Maruti Suzuki का भारत में 70,000 करोड़ रुपये का निवेश: विस्तार, नवाचार और भविष्य की योजना

 Maruti Suzuki ने अगले 5-6 वर्षों में भारत में 70,000 करोड़ रुपये का बड़ा निवेश करने की घोषणा की है। इस निवेश का मुख्य उद्देश्य देश में उत्पादन क्षमता को बढ़ाना, नई इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों का विकास करना, और भारत को वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन (EV) निर्माण का केंद्र बनाना है। गुजरात के हंसलपुर प्लांट में यह निवेश केंद्रित होगा, जहां से कंपनी अपनी पहली इलेक्ट्रिक SUV ‘e-Vitara’ का उत्पादन कर रही है।

 

 

  • उत्पादन विस्तार और वैश्विक निर्यात

यह निवेश उत्पादन सुविधाओं के विस्तार को लेकर है ताकि Maruti Suzuki की कुल संख्या में वृद्धि हो सके और वे वैश्विक बाजारों में बड़े पैमाने पर निर्यात कर सकें। उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में इस निवेश के कारण गुजरात का हंसलपुर संयंत्र दुनिया के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब्स में से एक बन जाएगा, जिसकी उत्पादन क्षमता 10 लाख यूनिट प्रति वर्ष होगी। इस संयंत्र से बनी इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों का निर्यात जापान, यूरोप और 100 से अधिक देशों में किया जाएगा।

  • इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और तकनीकी नवाचार

Maruti Suzuki ने पहले ही इलेक्ट्रिक एसयूवी e-Vitara का लॉन्च किया है, जो देश में मेक इन इंडिया का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। कंपनी अपने इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरियों के स्थानीयकरण पर खास ध्यान दे रही है। महाराष्ट्र में बैटरी और इलेक्ट्रोड-निर्माण की सुविधाएं स्थापित की गई हैं, जिससे बैटरी आपूर्ति चेन मजबूत होगी और भारत की ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा मिलेगा। यह पहल भारत सरकार के इलेक्ट्रिक वाहन और स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों के अनुरूप है।

  • रोजगार और आर्थिक विकास में योगदान

Maruti Suzuki ने पिछले दशकों में भारत में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है, जिससे लगभग 11 लाख लोगों को सीधे रोजगार मिला है। यह नया निवेश रोजगार के अवसरों को जबरदस्त बढ़ावा देगा और देश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कंपनी की योजना है कि नए मॉडलों और उत्पादन विस्तार के जरिये भारतीय उपभोक्ताओं की बदलती मांगों को संबोधित किया जाए।

  • सरकार और उद्योग के बीच सहयोग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पहल का स्वागत किया और इसे भारत-जापान के आर्थिक और तकनीकी संबंधों की मजबूती के रूप में देखा। सरकार की ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’ और हरित ऊर्जा योजनाओं के तहत यह निवेश देश की तकनीकी उन्नति और आत्मनिर्भरता को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा। Maruti Suzuki की यह योजना  भारत को वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण में एक अग्रणी केंद्र बनाने का संकेत देती है।


यह निवेश न केवल Maruti Suzuki के लिए बल्कि भारत की ऑटोमोबाइल उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता, रोजगार सृजन और तकनीकी विकास के लिए एक बड़ा कदम है। Maruti Suzuki की इस रणनीति से भारत में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों के उत्पादन को मजबूत समर्थन मिलेगा और देश का आर्थिक नक्शा भी वैश्विक स्तर पर चमकेगा।