Anil Ambani का साफ जवाब—सभी आरोप निराधार, कानूनी जीत पर भरोसा

Anil Ambani

Anil Ambani ने बैंक फ्रॉड आरोपों को खारिज किया: CBI की कार्रवाई के बीच बयान, केस का पूरा अपडेट

  • क्या मामला है?

    • CBI ने SBI की शिकायत के आधार पर रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM), उसके निदेशक अनिल डी. अंबानी, अज्ञात लोक सेवकों और अन्य के खिलाफ कथित बैंक धोखाधड़ी का आपराधिक मामला 21 अगस्त को दर्ज किया; एजेंसी ने मुंबई में अंबानी के घर और RCOM के कार्यालयों पर तलाशी भी ली.

    • SBI का आरोप है कि कथित हेराफेरी से बैंक को 2,929.05 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ; शिकायत में ऋण फंड के दुरुपयोग/डाइवर्ज़न, इंटर-कंपनी ट्रांजैक्शंस और फर्जी प्रविष्टियों जैसे पहलुओं का उल्लेख है.

    • मीडिया राउंडअप्स और एजेंसी फीड्स में इसे 24 अगस्त की कवरेज का हिस्सा बनाया गया, जहां CBI/बैंकों के कदमों और अंबानी की प्रतिक्रिया पर लगातार अपडेट आए.

  • Anil Ambani की प्रतिक्रिया

    • Anil Ambani के प्रवक्ता ने कहा कि “Anil Ambani” अपने खिलाफ सभी आरोपों और मामलों का कड़े शब्दों में खंडन करते हैं और विधिक तौर पर अपना बचाव करेंगे”.

    • प्रवक्ता के अनुसार SBI की शिकायत “10 साल से अधिक पुराने मामलों” से जुड़ी है और उस समय अंबानी कंपनी के नॉन-एग्जीक्युटिव डायरेक्टर थे, जो दिन-प्रतिदिन के संचालन में शामिल नहीं थे.

    • बयान में यह भी कहा गया कि SBI ने “पांच अन्य नॉन-एग्जीक्युटिव डायरेक्टर्स के खिलाफ कार्यवाही वापस ले ली,” फिर भी अंबानी को “चुनिंदा तौर पर निशाना बनाया जा रहा है”.

    • प्रवक्ता ने जोड़ा कि RCOM फिलहाल Committee of Creditors (SBI-नेतृत्व) और एक Resolution Professional की निगरानी में है; मामला छह साल से NCLT और सुप्रीम कोर्ट सहित विभिन्न न्यायिक फोरम में लंबित है.

  • बैंकों/एजेंसियों की स्थिति

    • CBI की प्रेस नोट के अनुसार आरोपों में आपराधिक साज़िश, चीटिंग और क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट शामिल हैं; अदालत से 22 अगस्त को सर्च वारंट लेकर मुंबई में दो स्थानों पर तलाशी की गई.

    • SBI के अलावा Bank of India ने भी RCOM और उसके कुछ खातों/संबंधित व्यक्तियों को “फ्रॉड” के रूप में वर्गीकृत किया है; नियमों के अनुसार ऐसे मामलों को जांच एजेंसियों के पास भेजना होता है और उधारकर्ता पांच वर्षों तक रेगुलेटेड संस्थानों से नया फंड नहीं उठा सकता.

    • इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में CBI की FIR के कुछ अंश उद्धृत हैं, जिनमें फंड डाइवर्ज़न और बही-खातों की हेराफेरी के आरोपों का उल्लेख है; साथ ही अंबानी पक्ष का “सेलेक्टिवली सिंगल्ड आउट” वाला बयान भी दोहराया गया.

    • अंतरराष्ट्रीय एजेंसी कवरेज में भी CBI केस, तलाशी और अंबानी के “कड़े खंडन” का जिक्र आया है, जिसमें SBI द्वारा 30 अरब रुपये (लगभग 344 मिलियन डॉलर) नुकसान के दावे की बात कही गई.

  • प्रमुख तथ्य संक्षेप में

    • केस दर्ज: 21 अगस्त; तलाशी वारंट: 22 अगस्त (मुंबई विशेष CBI न्यायालय).

    • आरोपित नुकसान: 2,929.05 करोड़ रुपये (SBI का दावा).

    • Anil Ambani का स्टैंड: सभी आरोपों का खंडन, नॉन-एग्जीक्युटिव डायरेक्टर होने का हवाला, “सेलेक्टिव टार्गेटिंग” का दावा, कानूनी कदम जारी.

    • नियामकीय परिप्रेक्ष्य: खातों के “फ्रॉड” टैग होने पर अनिवार्य एजेंसी रेफरल और पांच साल तक नए बैंक फंडिंग पर रोक के नियम लागू होते हैं.

ध्यान दें: यह जानकारी 22–24 अगस्त के दौरान प्रकाशित प्रतिष्ठित मीडिया/एजेंसी रिपोर्ट्स और आधिकारिक बयानों पर आधारित है; जांच प्रगति और अदालत की कार्यवाहियों के साथ विवरण बदल सकते हैं.